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स्क्रीन से दूरी बनाए रखें: सोने से पहले मोबाइल, लैपटॉप या टीवी का इस्तेमाल कम से कम करें, क्योंकि इनसे नींद की गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है।
रात में एंजायटी और स्ट्रेस की वजह से भी बुरे सपने आते हैं.
स्थितियों को समझने के लिए अपने सपनों का विश्लेषण करें जो उन्हें पैदा कर सकती हैं। चित्र: शटरस्टॉक
सपने आना बहुत ही आम बात है. जब भी आप सोते हैं, तो आपको किसी न किसी तरह के सपने आते हैं.
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इसीलिए सपने में भी आपको किसी के पीछा करने का एहसास होता है.
सावधान! क्या आपको भी आते हैं ये बुरे सपने? जान लीजिए मतलब
जीवनशैली में बदलाव: नियमित व्यायाम, स्वस्थ आहार और हेल्दी स्लीप हाइजीन को प्राथमिकता दें। इस प्रकार आपका तनाव कम होता है, साथ ही चिंता और अवसाद की भावना नियंत्रित रहती है। बुरे सपनों से बचने के लिए हेल्दी स्लीप बहुत जरुरी है।
.. वो बादल उतरने लगे झील में परिन्दे दरख्तों पे गाने लगे जो तुम हमसफ़र हो तो ऐ हमसफ़र हमें सारे मंज़र सुहाने लगे मंज़िलों से गले रास्ते मिल गए सपने सच हो गए पूरी हर आस है आपका दिल more info हमारे ...
आरामदेह वातावरण बनाए रखें: सोने से पहले आरामदायक माहौल बनाए रखें, जैसे कि हल्की रोशनी और शांतिपूर्ण जगह।
रिलैक्सेशन तकनीक: एक्सपर्ट के अनुसार बिस्तर पर जाने से पहले तनाव के स्तर को प्रबंधित करने के लिए मेडिटेशन, डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज, मसल्स रिलैक्सेशन का अभ्यास करें। इस प्रकार आपका दिमाग रिलैक्स रहता है और आपको बुरे सपने नहीं आते।
मेडिकेशन पर ध्यान दें: कुछ मामलों में, आपका डॉक्टर अंतर्निहित मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों को प्रबंधित करने के लिए दवा लिख सकता है, जो बुरे सपनों में योगदान करती हैं।
कई बार दिन भर नेगेटिव विचार या फिर कई व्यर्थ बातें सोचने की वजह से रात को ऐसा होता है,